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शिक्षण की प्रविधियाँ।शिक्षण प्रविधियों का अर्थ।शिक्षण प्रविधि की परिभाषाएँ।महत्वपूर्ण शिक्षण प्रविधियाँ

शिक्षण की प्रविधियाँ [Techniques of Teaching]


शिक्षण प्रविधियों का अर्थ (MEANING OF TEACHING TECHNIQUES)


शिक्षण प्रक्रिया एक जटिल विषय है। कक्षा में जाने से पूर्व शिक्षक योजना बनाता है कि उसे कक्षा में क्या पढ़ाना है। योजना के पश्चात् वह सोचता है कि विषय-वस्तु को शिक्षार्थियों तक सुलभता से कैसे पहुँचाया जा सकता है। इस प्रश्न के उत्तर को ही शिक्षण विधि कहते हैं। कुशल एवं उत्तम शिक्षण के लिए शिक्षक को कुछ प्रविधियों का प्रयोग करना पड़ता है। प्रविधियाँ शिक्षण में बहुत उपयोगी होती हैं। इन प्रविधियों का प्रयोग शिक्षण की विधियों के अन्तर्गत आता है। विभिन्न प्रविधियाँ भिन्न-भिन्न अवसरों पर प्रयोग में लायी जाती हैं। वस्तुतः इन सबका अभिप्राय ज्ञानार्जन को प्रभावशाली, ग्राह्य, बोधगम्य, सरल एवं रोचक बनाना होता है। यह शिक्षण विधियों को महत्त्वपूर्ण बनाती हैं।


शिक्षण प्रविधि की परिभाषाएँ (Definitions of Teaching Technique)


एस. के. क्रोचर के अनुसार, "जिस प्रकार एक सैनिक को अनेक हथियारों का ज्ञान आवश्यक है। उसी प्रकार शिक्षक को भी शिक्षण की विभिन्न विधियों का ज्ञान होना चाहिये। किस समय उसे कौन-सी विधि अपनानी है। यह उसके निर्णय पर निर्भर करता है।"

"A teacher must be fully conversent with the different method of the teaching is the same way as a soldier is to be conversent with the various weapons of fighting with methods be should at a particular time depend on his judgement."


जॉन ड्यूवी के अनुसार, "व्यवस्थित विधि वह रास्ता है जिससे व्यवस्थित सामग्री के विकास का निर्णय किया जाता है।"

"Method is the way of managing material to develop a conclusion." कोई भी शिक्षण विधि बिना प्रक्रिया या प्रविधि के अधूरी रहती है।

थट तथा ग्रबैरिच के अनुसार, "विधि प्रक्रियाओं की सुपरिभाषित संरचना है, जिसमें परिस्थितियों की माँगों के अनुसार विभिन्न प्रविधियाँ तथा युक्तियाँ निहित होती हैं।”


      महत्वपूर्ण शिक्षण प्रविधियाँ


1 : प्रश्नोत्तर प्रविधि (Questions Answer Technique)


2 : विवरण प्रविधि (Narration Technique)


3 : वर्णन प्रविधि (Description Technique)


4: व्याख्यान प्रविधि (Lecture Technique)


5 : स्पष्टीकरण प्रविधि (Exposition Technique)


6 : कहानी-कथन प्रविधि (Story Telling Technique)


7: निरीक्षण एवं अवलोकन प्रविधि (Observation Technique)


8 : उदाहरण प्रविधि (Illustration Technique)


9 : खेल/गतिविधि प्रविधि (Playway Technique)


10 : समूह चर्चा प्रविधि (Group Discussion Technique)


11 : प्रयोगशाला प्रविधि (Laboratory Technique)


12 वाद-विवाद प्रविधि (Discussion Technique)


13 : कार्यशाला प्रविधि (Workshop Technique)


14 : भ्रमण प्रविधि / क्षेत्रीय पर्यटन प्रविधि (Field Tour Technique)


                              प्रश्नोत्तर प्रविधि 

       (QUESTIONS ANSWER TECHNIQUE)


 प्रश्नोत्तर विधि क्या है(prashnottar vidhi kya hai)

यह विधि भाषा अध्ययन के क्षेत्र में अपने महत्वपूर्ण स्थान रखती है। इस विधि में प्रश्नों और उत्तरों की प्रधानता होने के कारण भी इसे प्रश्नोत्तर विधि भी कहते है इस विधि में अध्यापक छात्रों से ऐसे प्रश्न पूछता है जिससे छात्रों में रुचि एवं जिज्ञासा बनी रहे और वह कक्षा के सहयोग से ही उत्तर ढूंढने का प्रयास करता है और शंका या संदेश होने पर उसका समाधान भी करता है।


प्रश्नोत्तर विधि के जनक कौन है(prashnottar vidhi ke janmdata kaun hai)


प्रश्नोत्तर विधि के जनक प्रसिद्ध विद्वान तथा दार्शनिक सुकरात है।


सुकरात के समय से चली आने वाली यह एक प्राचीन पद्धति है। इस पद्धति के तीन सोपान हैं 

1. प्रश्नों को व्यवस्थित रूप से निर्मित करना ।

2. उन्हें समुचित रूप से छात्रों के सामने रखना ताकि नये ज्ञान के लिये उनमें उत्सुकता जाग्रत हो सके, तथा

3. छात्रों के माध्यम से उनमें सम्बन्ध स्थापित करते हुए नवीन ज्ञान देना। इसमें आवश्यकतानुसार निम्न स्तर, मध्यम स्तर एवं उच्च स्तर के प्रश्न आवश्यकतानुसार प्रयोग किये जा सकते हैं।

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